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Showing posts from May, 2020

My second day

मैं आज अपनी बकरी और भेड़ चरा रहा था।, मैं हमेशा अपनी भेड़ बकरियों को एक बड़े से बढ़ के पेड़ के नीचे ले जाता। , पेड़ पर बहुत सारी सुंदर लगे हुए थे और जब गुल्लर गिरते और मैं कुछ तोड़ता और उनको  मै खा लेता था. मैं जिन लोगों की भीड़ बकरियां चराता हूं वह मुझे 2 rs  और भैंस के ₹5 मिलते थे। जिससे मेरा घर चलता है घर में मेरी बीमार मां पिता और दो छोटे बहन भाई थे । पिता को लकवा था इसलिए वह खाट पर ही रहते। मैं अपना पूरा दिन उन भेड़ बकरियों के बीच में गुजारता  वहीं कुछ दूरी पर एक प्राइमरी स्कूल था। जहाॅ से मास्टर के पढ़ाने की आवाज पेड़ के नीचे तक आती थी। कभी मास्टर 2 का सवाल पढ़ाते कभी क ख ग  सिखाते और मैं इनको बड़ी गोर से सुनता था English transletor.. I was grazing my goat and sheep today., I would always take my sheep and goats under a big growing tree.  , There were a lot of beautiful trees on the tree, and when Gullar fell and I broke something and I ate them.  I used to get 2 rs and buffalo ₹ 5 for the people whose shepherds feed.  With whom...
मेरा पूरा बचपन एक गाय भैंस बकरी चराने में बीता है।  मेरे चेहरे पर इतने छोटे-छोटे दाने थे कि लोग मुझे मनहूस कहते थे।  आज मैं 27 साल का हो गया हूं, लेकिन 10 साल की उम्र से, मेरा  साथ कैसे वयवहार किया जा रहा है?  मैं आपको अपनी इस कहानी बताना चाहता हूं, जो सत्य पर आधारित है,  मेरे साथ आज तक घृणा की नजर से देखा जाता है English translator My entire childhood was spent grazing a cow buffalo goat.  There were so many small grains on my face that people used to call me wretched.  Today I am 27 years old, but since the age of 10, how am I being treated?  I want to tell you this story, which is based on truth, is seen with hatred till today.